टिड्डी नियंत्रण के सुरक्षित उपाय अपनाए सरकार
हाल ही में टिड्डी नियंत्रण के लिए उठाये उपायों बाबत एक प्रेस नोट के अनुसार भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर ज़हरीले कीटनाशकों के हवाई छिड़काव की अपनी क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है. कुदरती खेती अभियान के सलाहकार प्रो. राजेन्द्र चौधरी ने भारत एवं हरियाणा सरकार के कृषि मंत्रियों एवं कृषि सचिवों को लिखे पत्र में इस बात पर निराशा जताई है “कि कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के जानेमाने दुष्प्रभावों के बावजूद, सरकार की टिड्डी नियंत्रण नीति एक सूत्री है एवं अन्य उपायों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया जा रहा है. देश विदेश के विशेषज्ञों, जिन में इसी वर्ष पद्मश्री से सम्मानित तेलंगाना के जैविक किसान चिंताला वेंकट रेड्डी भी शामिल हैं, द्वारा कई ऐसे गैर-रासायनिक उपाय सुझाएँ गए हैं जिन से बिना गंभीर दुष्प्रभावों के टिड्डियों को नियंत्रित किया जा सकता है”. प्रो चौधरी ने सन्दर्भ स्रोतों सहित इन सुरक्षित एवं प्रभावी उपायों की सूची उपलब्ध कराते हुए सरकार से यह अनुरोध किया है कि सरकार रासायनिक उपायों को छोड़ कर इन जैविक/गैर-रासायनिक उपायों के माध्यम से ही टिड्डियों को नियंत्रित करे. अगर सब जगह ऐसा न कर पाए तो कम से कम आबादी के पास के इलाकों, जल स्रोतों के संग्रहण/भंडारण क्षेत्रों में तो रासायनिक उपाय न अपना कर उपरोक्त सुरक्षित उपायों को ही अपनाना चाहिए.
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Satvik Natural Farm हरियाणा में स्थित है। हम पिछले 15 सालों से कुदरती खेती कर रहे हैं। हम अपने खेत में किसी भी प्रकार के Pesticides नहीं डालते इस खेत में जो भी डाला जाता है चाहे वह खाद के रूप में हो या स्प्रे के रूप में हो वह इसी खेत में पैदा हुआ या घर में पशुओं से प्राप्त गोमूत्र या गोबर अथवा लस्सी से बनाई गई दवाई डाली जाती है। पिछले कुछ समय में हमने अपने खेत में बाग विकसित कर लिया है जिसके उत्पाद हम अपने आसपास और दूरदराज के इलाकों में भी पहुंचा रहे हैं और उनकी गुणवत्ता के बारे में हमें बाहर से ही पता चल रहा है जिससे हम काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस चैनल के माध्यम से हम आप लोगों के बताएंगे कि हमने जो भी किया है उसको करने में हमें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा अथवा क्या-क्या उपलब्धि हमने प्राप्त की है ताकि उस सभी जानकारी के द्वारा आगे और भी किसान कुदरती खेती या Organic farming से जुड़ सकें।
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